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#BIHAR; विधान परिषद के सदस्यों ने कहा- CM नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए…

जल-जीवन-हरियाली विषय पर चर्चा के दौ’रान विधान परिषद में जदयू विधान पार्षद खालिद अनवर ने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार की सरका को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। इस पर दिलीप चौधरी ने उठकर समर्थन किया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवश्य नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। इसकी अनुशंसा की जानी चाहिए। खालिद अनवर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने नई योजना की शुरुआत की है। उन्होंने इसकी सराहना की और बताया कि पर्यावरण के क्षेत्र में 2007 में दो नोबेल पुरस्कार दिए गए थे।

यूरोप की एक कंपनी को ज’लवायु परिवर्तन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार मिला और दूसरा पुरस्कार अमेरिका के उप राष्ट्रपति को दिया गया था। बिहार में बिल गेटस आए और मुख्यमंत्री से मिले और उन्हें बिहार सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी गयी। उन्हें भी इस बात पर आश्चर्य हुआ कि न केवल यूरोप व अमेरिका में बल्कि बिहार में भी इस ओर महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। दो घंटे तक चली चर्चा के दौ’रान प्रो. रामवचन राय ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जो पर्यावरण चेतना के प्रति जागरूक हुआ है। पर्यावरण संकट का परमाणु ब’म से भी ज्यादा प्र’भाव प’ड़ने वाला है। उन्होंने जल जीवन हरियाली पर एक लंबी कविता का पाठ किया। उनकी कविता की सभी सदस्यों ने सराहना की।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि अपनी कविता दे दीजिए इसे सरकार की ओर से प्रकाशित होने वाली हरियाली से जुड़ी पत्रिका में प्रकाशित की जाएगी। वहीं, प्रो. रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि श’राबबं’दी की तरह जल-जीवन-हरियाली योजना सिर्फ कागजों पर ही नहीं रह जाए। हालांकि उन्होंने योजना का समर्थन किया। संजीव कुमार सिंह ने कहा कि भौतिक सुखों के कारण आज हमारे शरीर में पांच महत्वपूर्ण तत्व प्रदूषित हो चुके हैं। तो, संजीव श्याम सिंह ने बढ़ती आबादी को प्रदू’षण का प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में कारखाने अधिक नहीं है, इसलिए इसे प्रमुख कारण नहीं माना जा सकता।

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