सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में 171 बच्चों का पंजीकरण है। बुधवार को 81 बच्चे स्कूल आए थे। इन 81 बच्चों के लिए केवल एक लीटर दूध भेजा गया। बच्चों को लगे कि वह एक-एक गिलास दूध पी रहे हैं, इसलिए एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी में मिलाकर सभी बच्चों में बां’ट दिया गया। अगर सभी 171 बच्चे आए होते तो शायद एक की जगह दो या तीन बाल्टी पानी मिलाया जाता। स्कूल में मौजूद रही इलाके के ग्राम्य पंचायत वार्ड सात की सदस्य देव कलिया का कहना है कि हमेशा इसी तरह बच्चों की सेहत से खिल’वाड़ किया जाता है।आदिवासी क्षेत्र के बच्चे चुपचाप पानी वाले दूध को पी जाते हैं। कई बार इसकी शि’कायत अधि’कारियों से की गई लेकिन सुन’वाई नहीं हुई।
विद्यालय के प्रभारी शैलेश कन्नौजिया इस मा’मले में बहाना और ब’चाव दोनों करते नजर आए। कहा कि दो स्कूलों का प्रभार होने के कारण आज दूध समय से उपलब्ध नहीं हो पाया। दाई को एक लीटर दूध दिया गया था। इसको विद्यालय में मौजूद शिक्षकों ने पिलवा दिया। हम दोबारा दूध की व्यवस्था करके लाए तो खंड शिक्षा अधिकारी ने दोबारा दूध पिलाने से मना कर दिया। बोले अगले दिन पिलवा देना। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश राय का कहना है कि एक लीटर दूध को एक बाल्टी पानी में मिलाकर पिलाने की जानकारी मिली है। जांच करवाकर कार्र’वाई की जाएगी।
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