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बिहार : 50% क्षमता के साथ आज से खुलेंगे स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थान

राज्यभर के 9वीं से 12वीं के स्कूल, कॉलेज, कोचिंग समेत अन्य शिक्षण संस्थान सोमवार से खुल जाएंगे। कोविड-19 से छात्रों के बचाव को लेकर तमाम एहतियातों संग पठन-पाठन चलेगा। हर कक्षा में आधी क्षमता में ही विद्यार्थी मौजूद रहेंगे।

राज्य के करीब 8000 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 36,61,942 बच्चों को दो-दो मास्क के हिसाब से करीब सवा 73 लाख मास्क जीविका के माध्यम से दिए जाएंगे। इन स्कूलों में एक दिन में 18,30,971 बच्चे ही आएंगे। गौर हो कि कोरोना संकट को देखते हुए 14 मार्च 2020 से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। करीब साढ़े नौ महीने बाद अर्थात 296 दिनों की बंदी के बाद सोमवार को जब ये संस्थान खुलेंगे तो इनमें रौनक लौटेगी। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से मुक्ति मिलेगी।

मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में 18 दिसम्बर को राज्य आपदा समूह की बैठक में 4 जनवरी 2021 से स्कूलों-कालेजों-कोचिंग संस्थानों को खोले जाने को लेकर निर्णय लिया गया था। 24 दिसम्बर को शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों के सुरक्षित संचालन को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी किया। उसके बाद सभी जिलों में डीईओ और डीएम ने स्कूल, कालेज, विवि तथा कोचिंग संस्थान के प्रबंधकों संग बैठक कर गाइडलाइन के पालन को लेकर उन्हें जागरूक किया। गाइडलाइन जारी होने के बाद सभी शैक्षिक संस्थानों के परिसर और वर्गकक्ष को सेनेटाइज करने का जिम्मा स्थानीय स्तर पर शिक्षण संस्थाओं के प्रधान को दिया गया था। स्कूल बंदी में ही बच्चों के छह फीट की दूरी पर बैठने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी थी।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने रविवार को ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि 4 जनवरी से स्कूल-कालेज खोलने की मुकम्मिल व्यवस्था कर ली गयी है। इसे लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलाधिकारियों से विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन पर खुद नजर रखने का अनुरोध किया गया है। शिक्षा विभाग का माध्यमिक शिक्षा निदेशालय खुद इसकी मॉनिटरिंग करेगा। कहा कि नौ माह बाद स्कूल-कालेजों का खुलना हम लोगों के लिए भी अहम है। शुरुआती दिनों में अनुरक्षण की व्यवस्था जरूरी है। इसी अनुभव के आधार पर आगे पहली से आठवीं तक के स्कूलों के खोले जाने पर निर्णय लिया जाएगा।  

गाइड लाइन के मुताबिक होंगे ये इंतजाम 
– छात्र-शिक्षकों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होगी 
– प्रोटोकाल लागू करने को स्कूलों में बनेंगे टास्क फोर्स 
– एक दिन में एक कक्षा के 50 फीसदी विद्यार्थी ही आएंगे स्कूल
– स्कूल के आसपास चिकित्सकों-नर्सों की सुविधा सुनिश्चित करनी होगी 
– विद्यार्थी और उनके माता-पिता को स्वस्थ होने की देनी होगी लिखित सूचना 
– घर से पढ़ाई का भी है विकल्प 
– जो स्कूल आएंगे उन्हें देना होगा अभिभावक का सहमति पत्र 
– कक्षा और वाहन रोजाना दो बार होंगे सेनेटाइज 
– दो विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था में रखनी होगी छह फीट की दूरी
– कोचिंगों को सशर्त मिलेगी इजाजत, डीएम को सौंपनी होगी प्रोटोकाल की कार्ययोजना
– स्कूलों में बच्चों के सुरक्षित ठहराव के रहेंगे इंतजाम 
– भीड़ जुटने वाली सभी गतिविधियों यथा खेल की घंटी, प्रार्थना सत्र आदि पर रहेगी रोक
– विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन की भी व्यवस्था होगी 
– विद्यालय के अंदर खाद्य सामग्री की बिक्री पर रोक रहेगी
– छुने वाली चीजें मसलन दरवाजों की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क और शिक्षण सामग्री का नियमित सेनेटाइजेशन होगा

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