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बिहार के इन 300 पंचायतों में नहीं चुने जाएंगे मुखिया-सरपंच, जानें कारण…

बिहार पंचायत चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. राज्य के 300 पंचायतों में मुखिया (Mukhiya) और सरपंच नहीं चुना जाएगा. यह फैसला राज्य सरकार के नगर पंचायत बनाने के कारण हुआ है. बता दें कि सरकार ने 103 नए नगर पंचायत (Nagar Panchayat) बनाने का निर्णय किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार बिहार में होली के बाद कभी भी पंचायत इलेक्शन का ऐलान किया जा सकता है. बिहार मेंं हो रहे पंचायत चुनाव में मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति और वार्ड सदस्ययों के लिए मतदान होगा. पंचायत चुनाव को लेकर आयोग ने खास तैयारी की है.

ये है कारण– बिहार में 60 पंचायत नये नगर परिषद क्षेत्र में चले जाएंगे. इसके अलावा 32 नगर पंचायत को अपग्रेड नगर परिषद बनाने के कारण 40 से अधिक पंचायतें नहीं रहेंगी. यही नहीं, पांच नये नगर निगम बनने के कारण भी 20 से 50 पंचायतों का अस्तित्व नहीं रहेगा. इससे करीब 300 से अधिक मुखिया फिर से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव कराये जाने और उस पर होने वाले करीब 450 करोड़ के बजट के प्रस्ताव पर जल्द स्वीकृति मिल जायेगी. आयोग द्वारा पंचायत आम चुनाव को लेकर करीब 300 करोड़ का बजट प्रस्ताव सरकार को भेजा था.

प्रमंडलवार होगा इलेक्शन– बिहार में पंचायत चुनाव 9 चरणों में होने की संभावना है. राज्य में चुनाव आयोग प्रमंडल के अनुसार मतदान कराने की तैयारी में है. बिहार में पंचायत चुनाव बैलैट पेपर की जगह ईवीएम से कराया जाएगा. बिहार में ऐसा पहली बार होगा, जब मुखिया का चुनाव ईवीएम से कराया जाएगा.

12 जनवरी तक बनेगा मतदाता सूची– बिहार पंचायत चुनाव, 2021 को लेकर वार्डवार मतदाता सूची 12 जनवरी तक तैयार हो जाएगी. 13 से 18 जनवरी के बीच प्रारूप मतदाता सूची की छपाई (मुद्रण) व 19 को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. बता दें कि इस बार बिहार पंचायत चुनाव बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से होगा.

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