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पिछले पांच सालों में जिले की महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के संदेश तो अन्य स्वास्थ्य मुद्दों में भी दिखा सुधार

पिछले पांच सालों में जिले की महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के संदेश तो अन्य स्वास्थ्य मुद्दों में भी दिखा सुधार

  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 ने जारी किए आकड़े
  • 18 साल के पहले होने वाली शादियों का प्रतिशत भी घटा
  • महिलाओं ने परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल सात गुणा से ज्यादा बढ़ाया
  • संस्थागत प्रसव में भी हुई है लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी
  • अनीमिया एवं स्तनपान जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरुरत

मुजफ्फरपुर। 17 दिसंबर
कुछ दिनों पहले आए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 ने स्वास्थ्य एवं अन्य मुद्दों पर जिले की हकीकत बयां कर दी है। सर्वेक्षण के अनुसार कुछ स्वास्थ्य मुद्दों में बेहतर परिणाम दिख रहे हैं तो कुछ में पर्याप्त सुधार की गुंजाइश बाकी है। अगर आंकड़ों पर हम गौर करें तो जिले में 20 से 24 साल की वैसी महिलाएं जिनकी शादी 18 वर्ष से कम में हुई है उनके प्रतिशत में 3.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है। वहीं सर्वे के अनुसार 15 से 24 साल की वैसी महिलाएं जिन्होंने मासिक के दौरान हाइजिन का ख्याल रखा के प्रतिशत में 33.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं सर्वे के अनुसार वैसी महिलाएं जिनका बॉडी मास इंडेक्स सामान्य से नीचे का है, का प्रतिशत 25.2 है जो पांच साल पहले 33 प्रतिशत था।
परिवार नियोजन के साधानों में महिलाओं ने दिखाई दिलचस्पी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार जिले की 55.7 प्रतिशत महिलाओ ने परिवार नियोजन के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाया है। वहीं इसके बाद महिला बंध्याकरण पर महिलाओं का भरोसा गया है। सर्वे के अनुसार जिले की 45 प्रतिशत महिलाओं ने बंध्याकरण का इस्तेमाल किया गया है। 66.1 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए स्थायी और अस्थायी साधनों का उपयोग किया है। जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 के अनुसार मात्र 9.2 प्रतिशत था। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी अभी भी सुधार की जरुरत है।
संस्थागत प्रसव में हुई बढ़ोतरी, तो सुनिश्चित होने लगा टीकाकरण
जिले में विगत पांच वर्षों के दौरान संस्थागत प्रसव में लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। जिसके कारण बच्चों के टीकाकरण कार्ड और टीके की सुनिश्चतता में 19.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जिले के सरकारी अस्पतालों में प्रसव के मामलों में तेजी देखी जा सकती है। एनएफएचएस 5 के अनुसार जिले में हुए प्रसव कराने वाली महिलाओं का प्रतिशत 51 है। वहीं जिले के 12 से 23 महीने के वैसे बच्चे जिन्होंने बीसीजी का टीका जन्म के समय लिया है उनका प्रतिशत 99.1 है।

अनीमिया और स्तनपान पर ध्यान देने की जरुरत
जिले में जन्म के समय स्तनपान, छह महीने तक स्तनपान और बच्चे सहित महिलाओं के अनीमिया जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरुरत है। राष्ट्रीय परिवार स्वच्छता सर्वेक्षण के अनुसार जिले में छह महीने तक नियमित स्तनपान का प्रतिशत 71.9 है जो पांच साल पहले 78.9 था।

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