मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने वर्तमान कार्यकाल के छब्बीस दिनों के भीतरी तीसरी बार विधि-व्यवस्था की समीक्षा को ले पुलिस महकमे के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर समझाया कि विधि-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की पहली जिम्मेवारी है। अपराधियों को सजा मिले इस पर मुख्यमंत्री का अधिक जोर रहा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक अभियोजन पदाधिकारी तथा वकील के साथ नियमित रूप से बैठक करें। केस का रिव्यू हो और उसे अंजाम तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री ने विधि-व्यवस्था की समीक्षा को ले तीसरी बैठक में पुन: यह कहा कि कानून का सख्ती से पालन हो और गड़बड़ करने वाला कोई भी हो वह बचे नहीं। स्पीडी ट्रायल में तेजी लाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून को लेकर जिलाधिकारी सजग रहें। इसका लाभ लोगों को मिले यह सुनिश्चत करें। ओवरलोडिंग एवं ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष नजर रखें। उनके ‘खि’लाफ हो रहे अपराध में संलिप्त लोगों के विरुद्ध का’र्रवाई की जाए। शराबबंदी पर सख्ती की बात भी कही। यह निर्देश दिया ति राज्य के बाहर के जो लोग इस कारोबार में संलिप्त हैैं उन्हें भी चिन्हित कर उन्हें जांच के दायरे में लाएं और कड़ी कार्रवाई करें। सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार के बारे में नकारात्मक बातें फैलायी जा रही। राज्य में हो रहे बेहतर कार्यों से लोगों को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि शोध में यह बात भी सामने आयी है कि शराब पीने से कोरोना वैक्सीन का असर भी नहीं होता।
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी एसके सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार व आला पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के पुुलिस महानिरीक्षकों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला वार अपराध की स्थिति एवं विधि-व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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