BIHARBreaking NewsSTATE

एक ही मंडप में मां-बेटी बनीं दुल्हन, उम्र के अंतिम पड़ाव में की जिंदगी की नई शुरुआत

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गोरखपुर जिले के पिपरौली ब्लाक परिसर में एक अनोखी शादी देखने मिली। एक ही मंडप में एक तरफ मां-बेटी दुल्हन बनी, वही 55 वर्षीय एक कुंवारेे के सिर पर सेहरा सज गया। उम्र के आखिरी पड़ाव में जीवन संगिनी चुन कर जिंदगी की नई शुरूआत किया। कुल 63 जोड़ों ने साथ जीने-म’रने की कसमें खाईं, जिसमें एक मुस्लिम जोड़ा भी शामिल है। 

पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी शादी

ब्लाक परिसर में सामूहिक विवाह में बेली देवी की सबसे छोटी पुत्री इंदू की शादी पाली निवासी राहुल के साथ हुई। बेटी के मंडप में बेला देवी भी अपने 55 वर्षीय देवर जगदीश से शादी की और आगे दोनों साथ मिलकर चलने की कसम खाई। मां-बेटी के एक मंडप में शादी तथा उम्र के आखिरी पड़ाव में शादी को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इस अनोखी विवाह के दौरान साक्षी के रूप में बीडीओ डा. सीएस कुशवाहा, सत्यपाल सिंह, रमेश द्विवेदी, बृजेश यादव, रतन सिंह, सुनील पांडेय आदि मौजूद रहे।

55 वर्ष की उम्र में थामा जीवन साथी का हाथ

पिपरौली ब्लाक के ग्राम सभा कुरमौल निवासी 55 वर्षीय जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं और घर पर रहकर खेती-बारी करते हैं। 55 वर्ष की उम्र होने तक जगदीश ने शादी नहीं किया था और अविवाहित ही जिंदगी गुजार रहे थे। बड़े भाई हरिहर की शादी 53 वर्षीय बेला देवी से हुई थी और उनके दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। बेला देवी के पति की मौत करीब 25 वर्ष पहले हो गई और अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के बाद दो पुत्रों तथा दो पुत्रियों की शादी कर चुकी हैं। 

गुड़िया ने इरफान के साथ किया निकाह

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में सामाजिक समरसत्ता भी देखने को मिली। ब्लाक के देईपार निवासी सत्तार की पुत्री गुड़िया ने सात फेरों से अलग अपना धर्म के रीति-रिवाज के साथ निकाह किया। गुड़िया का निकाह एहसान के पुत्र मंजूर के साथ हुआ। निकाह का रश्म मौलाना इरफान अहमद ने निभाई। नव जोड़ों को वहां मौजूद लोगों ने दुआएं दी।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.