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किसानों के समर्थन में पद्म पुरस्कार वापस लौटाएंगे पंजाबी कवि सुरजीत पातर

नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer’s Protest) को अब पंजाबी के मशहूर कवि सुरजीत पातर (Surjit Patar) का भी समर्थन हासिल हो गया है. पातर ने कहा है-‘मैं दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार के व्यवहार से आहत हूं. लगातार प्रयासों के बावजूद अब तक किसानों के लिए कोई निर्णायक उम्मीद नहीं बन पाई है. इसी वजह से किसानों के समर्थन में मैं अपना पद्म श्री पुरस्कार वापस कर रहा हूं.’ गौरतलब है कि सुरजीत पातर पंजाबी के मशहूर कवि हैं. उनकी कविताएं आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं.

इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने यह भी खबर दी है कि अपने पुरस्कार वापस करने के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ रहे कई खिलाड़ियों को पुलिस ने रोक दिया है. रेसलर करतार सिंह ने कहा- ‘पंजाब समेत अन्य जगहों के 30 खिलाड़ी भी किसानों के समर्थन में पुरस्कार वापस करना चाहते हैं.’

कल है भारत बंद
गौरतलब नए कानूनों के विरोध में कृषि संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्ववान किया है. बंद के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम आम आदमी के लिए समस्याएं पैदा नहीं करना चाहते. इसलिए, हम सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद करेंगे.’ उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान एम्बुलेंस, यहां तक कि शादियों जैसी सेवाएं भी हमेशा की तरह चल सकती हैं. लोग अपना कार्ड दिखा सकते हैं और कामों को जारी रख सकते हैं.


केंद्रीय मंत्री का केजरीवाल पर निशाना
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. प्रसाद ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 23 नवंबर 2020 को नए कानून (कृषि कानून) को नोटिफाई करके दिल्ली में लागू कर दिया है. इधर आप विरोध कर रहे हैं और उधर आप गजट निकाल रहे हैं.’

विपक्षी दलों और कई मुख्यमंत्रियों का किसानों को समर्थन

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के समर्थन में तकरीबन सभी बड़े विपक्षी दल आ चुके हैं. कई राज्य के मुख्यमंत्रियों ने किसानों का खुला समर्थन जाहिर किया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया है

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