बिहार पुलिस मुख्यालय ने चार थानाध्यक्षों के खि’लाफ एक्शन लिया है। इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इनके खिलाफ विभागीय का’र्रवाई प्रारम्भ करने को भी कहा गया है। निलंबित थानाध्यक्षों में पटना के कंकड़बाग थानाध्यक्ष, वैशाली के गंगाब्रिज थानाध्यक्ष और मुजफ्फरपुर के अहियापुर व मीनापुर थानाध्यक्ष शामिल हैं। इन पर श’राबबंदी कानून के तहत कार्र’वाई करने में उदासीनता बरतने का आरोप लगा है।
निलंबित थानाध्यक्षों के नाम हैं :
- अजय कुमार (इंस्पेक्टर) कंकड़बाग, पटना
- पंकज कुमार संतोष (सब-इंस्पेक्टर), गंगाब्रिज थाना, वैशाली
- दिनेश कुमार (इंस्पेक्टर) अहियापुर, मुजफ्फरपुर
- अविनाश चंद्र (इंस्पेक्टर) मीनापुर, मुजफ्फरपुर
इनमें पटना, वैशाली व मुजफ्फरपुर के अहियापुर के थानाध्यक्षों के खिलाफ DGP ने कार्र’वाई की है, जबकि मीनापुर थानाध्यक्ष के खि’लाफ कार्रवाई आईजी (मद्यनिषेध), बिहार की ओर से की गई है।
इनपर क्या हैं आ’रोप
दरअसल, मद्यनिषेध विभाग की संयुक्त केंद्रीय टीम द्वारा शराब की बिक्री को लेकर लगातार छापेमा’री की जा रही थी। पटना के कंकड़बाग इलाके के अशोक नगर, गंगाब्रिज थाना इलाके में तथा अहियापुर इलाके में इस टीम ने शराब व इसके निर्माण से जुड़ी सामग्रियां पकड़ी थी। भट्ठियों को ध्वस्त किया गया था। प्रदेश में शराबबंदी लागू होने के बावजूद इन इलाकों में शराब मिलना इन थाना प्रभारियों की विफलता व कर्तव्यपालन में लापरवाही मानी गई। इस वजह से DGP ने इन तीनों थानाध्यक्षों को निलंबित करने का निर्देश दिया गया है।
मीनापुर थानाध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए जनता के बीच शराब व रूपये बांट रहे शख्स पर कार्रवाई करने में लापरवाही की। उन्होंने हिरासत में लिए गए शख्स को उसी की गाड़ी में बैठकर थाना जाने की सुविधा दी, जिस वजह से उसे असामाजिक तत्वों द्वारा जोर-जबरदस्ती कर पुलिस के हाथों से छुड़ा लिया गया। यह उनके कर्तव्यपालन में घोर लापरवाही, अनुभवहीनता व अदूरदर्शिता दिखाता है। इस वजह से मीनापुर थानाध्यक्ष पर आईजी (मद्यनिषेध) ने निलंबन की कार्रवाई करते हुए विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने को भी कहा है।
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