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PM मोदी से प्रभावित होकर युवक ने नौकरी छोड़ खोली चाय-पकौड़े की दुकान, हर महीने कमा रहा 40 से 50 हजार

गया. बिहार (Bihar) में गया का रहने वाला एक युवक पीएम मोदी (PM Modi) के आत्मनिर्भर भारत वाली बात से इतनी अधिक प्रभावित हुआ कि उसने प्राइवेट कंपनी की नौकरी (Private Job) छोड़कर चाय और पकौड़े की दुकान खोल ली. यह युवक कोलकाता (Kolkata) में एक निजी कंपनी में नौकरी करता था. युवक ने इस दुकान का नाम भी पीएम मोदी के नाम पर रखा है. दुकान का नाम है ‘मोदी जी चाय पकौड़े की दुकान’. आज यह युवक इस दुकान से 40 से 50 हजार रुपये महीने कमाता है. 

गया -शेरघाटी रोड के दरियापुर बाजार में स्थित मोदी जी चाय पकौड़ा दुकान इन दिनों काफी प्रसिद्ध है. सुबह- शाम दुकान में खासी भीड़ लगती है. इस रोड से गुजरने वाले यात्री बोर्ड पर लिखे दुकान का नाम पढ़कर एक बार यहां जरूर आते हैं और कुछ न कुछ खाकर जाते हैं. इस दुकान की खाशियत भी यह है कि यहां पर शुद्ध सरसो के तेल में छने पकौड़े और मिट्टी के कप में चाय दी जाती है. जिसका सबसे हटकर स्वाद लोगों को अपनी ओर खींचता है.

इस रास्ते से रोज गुजरने वाले कामकाजी लोगों के लिए यह दुकान कुछ देर के लिए रुकने का प्रमुख ठिकाना बन गया है. गया से औरंगाबाद, सासाराम जाने वाले कारोबारी मनीष रंजन और राजशेखर शुक्ला बताते हैं कि इस दुकान के पकौड़े और चाय बहुत स्वादिस्ट होते हैं. क्योंकि यहां पकौड़े शुद्ध सरसो तेल में तले जाते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं होता. इस दुकान के आलू चौर और प्याज के पकौड़े काफी स्वादिष्ट होता है. खासकर पकौड़े के साथ परोसी जाने वाली चटनी बहुत ही लजीज होती है. उन्होंने बताया कि मुझे जो जानकारी है कि इस युवक ने मोदी जी की बातों से प्रेरित होकर ‘मोदी जी चाय पकोड़े की दुकान’ खोली है.

दुकान के संचालक बलवीर सिंह ने बताया कि पहले वे कोलकाता में प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन वो नौकरी से खुश नही थे. गांव वापस आये तो यहीं कुछ करने को ठाना. इसके बाद उन्होंने मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत वाली बात का याद किया. फिर उनके मन में आया कि क्यों ना चाय और पकौड़े की दुकान खोली जाए. यह ऐसा व्यवसाय है कि इसमें ग्राहकों को खोजने नहीं जाना पड़ता है. इसके बाद बलबीर ने चाय और पकौड़े की दुकान शुरू कर दी. बलबीर बताते हैं कि वो इस दुकान से प्रतिदिन बारह से पंद्रह सौ रुपये कमा लेते हैं.बलवी ने बताया कि नौकरी छोड़कर पकौड़े तलने की बात पर लोग कहते थे कि अब ये काम करोगे, तो मैंने कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता. अगर लगन और ईमानदारी से किया जाये तो सफलता अवश्य मिलती है. उन्होंने कहा कि चाय पकौड़े की दुकान खोल कर भी लोग स्वरोजगार कर अपने परिवार का पालन कर सकते हैं.

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