सरकार रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम इच्छा पूरी कर उन्हें सार्थक श्रद्धांजलि देगी. वे हमें अपने सपने सौंप कर गए हैं. यह बाते कही है डिप्टी सुशील कुमार मोदी ने. उन्होंने रघुवंश बाबू को याद करते हुए ये बाते कही है.
उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू वैशाली के गौरव, लोकतंत्र की गरिमा, किसानों के खेत और गरीबों के पेट की चिंता करने वाले राजनेता थे, लेकिन आखिरी वक्त में वे दम्भी, परिवारवादी और निजी सम्पत्ति बनाने के लिए राजनीति का दुरुपयोग करने वालों से इस कदर घिर गए थे कि उन्हें मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखनी पड़ी.
उनका पत्र जनहित के मुद्दे लिए एनडीए सरकार की विश्वसनीयता का प्रमाणपत्र है. राजद और कांग्रेस ने रघुवंश प्रसाद सिंह के जीवनकाल में उनका इतना अपमान किया कि वे मत्यु से संघर्ष नहीं कर पाये. और इस दुनिया को छोड़कर चले गए.
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रघुवंश बाबू को किसी ने “एक लोटा पानी” बताया, तो किसी ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने के मुद्दे पर उनकी बात नहीं मानी.
टिकट की बिक्री और अपराध के राजनीतिकरण का बुलडोजर चला कर उनके आदर्शों को रौंदा जाने लगा. जिससे रघुवंश प्रसाद सिंह आहत हो गए. अंतिम समय में लिखी उनकी चिट्ठी से उऩके मन की व्यथा उजागर होती है.
अब उनके जिस पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार सरकार बिंदुवार संज्ञान लेकर उनकी इच्छा पूरी करने में लगी है, उस पत्र को कोई फर्जी बता रहा है, तो कोई साजिश बता रहा है
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