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सुशांत की मौ’त पर बोले अभिनेता नाना पाटेकर- ऐसा लग रहा जैसे मैंने अपना बेटा खो दिया…

आरा. जानेमाने फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर (Nana Patekar) ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत पर अपना शोक प्रकट किया है. भोजपुर के कोईलवर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 47वीं बटालियन के कैंपस में पहुंचे नाना ने कहा कि सुशांत एक अद्भुत कलाकार थे. वह गजब का अभिनय करते थे. मुझे विश्वास नहीं होता कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे. मुझे तो लगता है की मैंने अपने बेटे को खो दिया. यह बात गले से उतरती नहीं है. सुशांत जैसा बच्चा अभी और 30 साल तक काम कर सकता था. सुशांत जैसे बच्चे बहुत कम होते हैं.
सीआरपीएफ की वर्दी पहने नाना पाटेकर का कैंप में जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान उन्‍होंने ‘एक शाम नाना पाटेकर के नाम’ कार्यक्रम में भाग लेकर जवानो का हौसला बढ़ाया. इससे पहले उन्होंने कैंप परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण को बचाए रखने का संदेश दिया. मुख्य क्लब में पहुंचने पर उन्हें शॉल देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान उनकी जीवनी पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म दिखाई गई. सीआरपीएफ के जवानों ने सिने अभिनेता के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी.

‘सभी को नसीब नहीं होती फौज की वर्दी’
सीआरपीएफ जवानों से सीधे संवाद कर नाना उनके सवालों से रूबरू हुए. जवानों ने विभिन्न क्षेत्रों से सवाल किया जिसका जवाब फिल्म अभिनेता ने बारी-बारी से दिया. सवाल-जवाब पाकर जवान काफी संतुष्ट दिखे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी व्यक्ति के नसीब में वर्दी नहीं होती है जिन लोगों में जोश, लगन और देश प्रेम होता है उन्हीं के शरीर को फौज की वर्दी नसीब होती है, इसलिए फौजी भाइयों में देश प्रेम का जज्बा कूट-कूट कर भरा रहता है.
‘आउट साइडर होने के बाद भी टिका हूं इंडस्ट्री में’
बॉलीवुड इंडस्ट्री में आउट साइडर (बाहरी) लोगों के करियर को लेकर नाना पाटेकर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. खुद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का चेहरा और ऐसी भाषा के साथ तो मैं आउट साइडर ही था, लेकिन फिर भी मैंने जगह बनाई. मुझे गुस्सा आता है, मैं चिढ़ता भी हूँ. लेकिन, फिर भी इसी व्‍यवहार के साथ उन्होंने मुझे स्वीकार किया.
हुनर से दो ग्रुपिज्म का जवाब
नाना पाटेकर ने कहा कि मैं बॉलीवुड इंडस्ट्री में कभी अव्वल नहीं था. आज का माहौल तो और बदल गया है. मैं किसी फंक्शन या पार्टी में नहीं जाता हूँ. मुंह पर सही बोलने की मेरी आदत है. नाना पाटेकर ने बॉलीवुड को लेकर कहा कि वहां ग्रुपिज्म है, लेकिन आपके पास हुनर है, तो आप जगह बना सकते हैं. कितना भी कोई ग्रुपिज्म कर ले, अगर आप सही हैं, तो अच्छा कीजियेगा.

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