बेतिया के गौनाहा में बाघ से 4 लोगों की जिंदगी बची थी। जान बचाने के लिए 15 साल के बच्चे ने बहादुरी दिखाई थी। हिम्मत दिखाते हुए उसने मां के साथ-साथ दो छोटी बहन को भी नई जिंदगी दिला दी। 15 साल के सुमित की बहादुरी की चर्चा अब पूरे इलाके में हो रही है।
दरअसल, रुपवालिया नौका टोला में शनिवार(20 मई) की सुबह 5:00 बजे एक बाघ कमलेश उरांव के घर में घुस गया। उसकी पत्नी वीरेंदरी देवी उठकर जैसे ही घर से बाहर निकली, घात लगाए बैठे एक बाघ ने उस पर हमला बोल दिया। हालांकि, महिला इस दौरान बाल-बाल बच गई। लेकिन बेहोश हो गई। इधर, बाघ छलांग लगाते हुए घर के अंदर घुस गया।

कमलेश उरांव के घर के सभी बच्चे। बहन को गोद लिए हुए बहादुर बच्चा सुमित है।
मां को बाहर निकाला
वहीं, वीरेंदरी देवी का बेटा सुमित (15) की नजर जमीन पर गिरी मां पर पड़ गई। बाघ के अंदर घुसते ही सुमित ने दरवाजा बंद कर दिया। इस दौरान बाघ एक कमरे में घुस गया। सुमित ने पहले मां को खुद से हटाने की कोशिश की। लेकिन, अकेले वह मां को नहीं हटा सका। फिर ग्रामीणों को बुलाकर मां को घर से बाहर किया। इस दौरान आवाज होने से बाघ गुर्राने लगा। वहीं, घर के अंदर ही दूसरे कमरे में सुमित की दो छोटी बहनें सो रही थी।

9 साल की साक्षी और 4 साल की सोनाक्षी दोनों नींद में थी। सुमित उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर जाने लगा। लोगों ने काफी मना किया। इसके बावजूद वह डरा नहीं। हिम्मत दिखाते हुए घर के अंदर घुस गया। दोनों बहन को जगाया। फिर किसी तरह कमरे के एक किनारे पर लेकर गया। हल्की आवाज में घर के बाहर लोगों को इसकी जानकारी। फिर सभी ने कमरे के पीछे लगे टाट को फाड़कर तीनों बच्चों को बाहर निकाला। इस तरह से सुमित की बहादुरी से उसकी दोनों बहन और मां की जान बच गई।
घटना को याद कर डर जा रही है मां
इस घटना को याद कर वीरेंदरी देवी अब भी डर जा रही है। उसने बताया कि पति कमलेश उरांव हिमाचल में मजदूरी का काम करते हैं। अभी वह बाहर ही कमाने गए हैं। जिस दिन घटना हुई, उस दिन तीन बच्चों के साथ वह घर पर थी। घटना को आज भी याद कर सिहर जाती है, डर जाती है। क्योंकि इतने नजदीक से बाघ को अब तक नहीं देखा था। कभी-कभी ऐसा लग रहा है कि बाघ फिर से ना आ जाए।
Leave a Reply