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यूपीएससी में एक बार फिर बिहारियों का बोलबाला:राहुल को 5वें प्रयास में मिली कामयाबी

मुजफ्फरपुर की प्रतिभाओं ने भी यूपीएससी परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराया है। शहर के दामूचक मोहल्ला निवासी राहुल श्रीवास्तव ने 10वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने पांचवें प्रयास में सफलता अर्जित की। वहीं, नयाटोला सब्जी मंडी निवासी वैभव प्रिय ने 104 वीं रैंक प्राप्त की है।

उन्हें दूसरे प्रयास में कामयाबी मिली। इधर, ब्रह्मपुरा के अनुनय आनंद ने 185 वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता पाई है। राहुल श्रीवास्तव के पिता बसंत कुमार केनरा बैंक के वरीय प्रबंधक के पद से रिटायर हैं। मां मधुबाला सहाय गृहिणी हैं। पिता ने बताया कि बेटे की सफलता में मां का सबसे अधिक योगदान है। राहुल ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पटना से पूरी की है।

इसके बाद एनआईटी त्रिची से इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे एनटीपीसी में नौकरी कर रहे हैं। वहीं, भतीजे की सफलता पर चाचा सुबोध कुमार सिन्हा ने बताया कि राहुल ने शानदार सफलता से जिला और राज्य का नाम रौशन किया है।

पिछले वर्ष बीपीएससी परीक्षा में मिली थी 20वीं रैंक, फिर भारतीय सूचना सेवा में हुआ चयन

इधर, वैभव प्रिय के पिता अजय कुमार सिंह रेलवे से सीनियर पर्सनल ऑफिसर के पद से रिटायर हैं। मां रेणु सिंह गृहिणी हैं। दो बड़ी बहन अपूर्वा प्रियम एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में मैनेजर और ऐश्वर्या प्रियम अमेरिकन एक्सप्रेस में प्रोडक्ट मैनेजर हैं। अपनी सफलता का श्रेय पिता को देते हुए वैभव बताते हैं कि उनका शुरू से ही लक्ष्य था कि सिविल सेवा में जाना है।

उन्होंने एनआईटी इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। 2019 में पासआउट होने के बाद कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया। सीधे घर आ गए और सिविल सेवा की तैयारी करने लगे। सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हुए उन्होंने परीक्षा पास की। पहले बीपीएससी में चयन हुआ। इसके बाद फिर भारतीय सूचना सेवा में उनका चयन हुआ। पिछले वर्ष उन्हें बीपीएससी की परीक्षा में 20 वीं रैंक मिली थी।

वैभव बोले-तैयारी के दौरान सीमित किताबों का किया अध्ययन

वैभव ने बताया कि अक्सर तैयारी के दौरान स्टूडेंट्स बेहतर कांसेप्ट के लिए कई किताबों का अध्ययन करते हैं। इससे भटकाव की संभावना अधिक होती है। सीमित किताबों को ही पूरी गहराई से पढ़ें। वहीं, अधिक से अधिक टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेना चाहिए। खुद के नोट्स बनाएं। इससे ज्यादा फायदा होगा।

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