मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची दिल्ली और बेंगलुरु में मात्र 5 से 6 घंटे में पहुंचने लगी है। दरभंगा एयरपोर्ट के स्पाइसजेट विमान से प्रतिदिन 2 से 3 टन लीची इन दोनों महानगरों में भेजी जा रही है। लीची ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि देश के महानगरों में मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची की मांग बहुत है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जरूरत के मुताबिक सुविधा उपलब्ध नहीं कराने से मांग के अनुरूप महानगरों में नहीं पहुंच रही है।
कार्वी विमान में सब्सिडी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है जो लंबित है। शाही लीची के लिए इस समय पीक सीजन है। यदि अभी स्वीकृति मिलती है तब रोज 20 टन तक लीची देश के हर कोने में 5 से 6 घंटे में आसानी से लीची पहुंच सकेगी।
एसोसिएशन ऑफ बिहार के पॉलिसी एवं मार्केट लिंकेज देख रहे कृष्ण गोपाल ने बताया कि 19 मई से रोज दरभंगा एयरपोर्ट से स्पाइसजेट विमान से दिल्ली और बेंगलुरु में 2 से 3 टन लीची पहुंच रही है। मंगलवार को मौसम खराब होने के बावजूद दिल्ली में 6 क्विंटल शाही लीची भेजी गई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के रास्ते लीची लद्दाख से जम्मू तक पहुंच रही है।
इधर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में लीची प्रदर्शनी आज
मुरौल | डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि व राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के सौजन्य से बुधवार को पूसा में प्रथम लीची शो (प्रदर्शनी) 2023 का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन कुलपति डॉ. पीएस पांडेय करेंगे। प्रगतिशील लीची उत्पादकों और अनुसंधानकर्ता की सक्रिय भागीदारी के साथ आधिकारिक रूप से आयोजित किया जाने वाला यह पहला लीची शो है।
इस क्षेत्र के किसानों और छात्रों के लिए कृषि विवि, पूसा और आईसीएआर-एनआरसीएल मुजफ्फरपुर द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। विभिन्न किस्मों के लीची फलों का प्रदर्शन किया जाएगा। वैज्ञानिक किसानों की बातचीत लीची शो का प्रमुख आकर्षण है। लीची खाने की प्रतियोगिता, लीची पर फोटो गैलरी, क्राफ्ट मेकिंग और स्लोगन आदि जैसे कई आकर्षक कार्यक्रम होंगे।
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