बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के नाम पर बयानबाजी देखने को मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल पर जदयू ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि वे दलित के शुभ चिंतक बने फिर रहे हैं। झूठा अफवाह फैला रहे हैं।
बेमतलब की बात करते हैं जायसवाल
जनतादल यूनाइटेड के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि बीजेपी पूर्व सांसद संजय जायसवाल क्या कह रहें है। किस अधार पर वे बोल रहें है। जदयू ने सांसद पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि राजभवन सचिवालय से ऐसी कोई जानकारी मीडिया को मिली है क्या। संजय जायसवाल बेमतलब की बात करते हैं। जयसवाल दलितों के शुभ चिंतक बने है। वे बिहारी हैं तो ठीक है या फिर उनका डीएनए गुजराती है तब तो कोई बात नहीं।
लेकिन,वे बता सकते हैं कि तब आखिर ऐसा क्यों हुआ। वे यह बताए कि जगजीवन राम के आगे बाबू लगा हुआ और बाबू जगजीवन राम छात्रवास की योजना को बंद कर दिए। दलित छात्रावास योजना क्यों बंद किए। दलित के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया। आपको दलित और ओबीसी-ईबीसी की एक से आठ तक छात्रवृति क्यों बंद किया। आप राजभवन के संदेश के बिना ऐसा बायन बाजी क्यों कर रहे हैं। हम सब को कोई ऐसी सूचना नहीं है।
क्या बोले थे संजय जायसवाल
इससे पहले सांसद संजय जायसवाल ने कहा था कि बिहार के राज्यपाल से नीतीश कुमार छुआछूत की भावना रखते हैं। इसलिए हेलिकॉप्टर चढ़ने के लिए नहीं देते हैं। उनको ये लगता है कि राज्यपाल के हेलिकॉप्टर पर चढ़ने से अपवित्र हो जाएगा। वे हद से ज्यादा नीचता पर उतर गए हैं। नीतीश कुमार ये भी चाहते हैं कि राज्यपाल भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाने के बजाय सिर्फ कमरे में बंद रहकर दस्तखत करें।
बीजेपी नेता जायसवाल ने आगे कहा कि राज्यपाल महोदय से बिहार के नागरिक होने के नाते मैं क्षमा प्रार्थी हूं कि वर्तमान बिहार सरकार को अनुसूचित जाति से इतनी घृणा है कि अगर उस समाज का व्यक्ति बिहार का राज्यपाल भी हो जाए तो भी उसे हेलिकॉप्टर पर बैठने का हक नहीं है। राज्यपाल डाक्टर राजेंद्र आर्लेकर सड़क के रास्ते बेतिया गए थे। बीजेपी ने उन्हें हेलिकॉप्टर मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया था।
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