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फिटनेस का डोज, एक घंटा रोज…पर मेंटेनेंस नहीं होने से 24 लाख की ओपन जिम मशीनें कबाड़

शहरवासियों की हेल्थ और फिटनेस बढ़ाने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाई गईं ओपन जिम की मशीनें कबाड़ हो रही हैं। कहीं मशीनों के कल-पुर्जे उखड़ गए हैं तो कोई आधे से टूट गया है। कई इक्विपमेंट में बस लोहा ही बचा है। इन मशीनों को लाखों रुपए खर्च कर इंस्टॉल किया गया था। लेकिन मेंटेनेंस और देखरेख के अभाव में ये यूं ही जमीन पर पड़ी हैं। लोग सुबह-शाम टहलने और एक्सरसाइज करने पहुचते हैं, लेकिन टूटी और बिखरे जिम उपकरण देख कर पास तक नहीं जाते।

सबसे खराब स्थिति जिला स्कूल कैंपस में इंस्टॉल जिम उपकरणों की है। यहां पैडल मशीन का एक हैंडल ही गायब है। एक वर्ष पहले ही इसे जिला स्कूल कैंपस में इंस्टॉल किया गया था। हैंड रोटेटर से लेकर एब ट्रेनर के कुछ हिस्से भी टूट गए हैं। पिछले वर्ष शहर में तीन स्थानों पर 24 लाख से अधिक की राशि से जिम इक्विपमेंट्स इंस्टॉल किए गए थे। इनमें से बीबी कॉलेजिएट में लगे जिम इक्विपमेंट्स ही कुछ ठीक-ठाक स्थिति में हैं।

जिम नहीं जा सकते तो ओपन जिम बेस्ट

शहर के पूर्वी इलाके में बड़ा खेल मैदान या स्टेडियम नहीं होने से लोगों के लिए खुली हवा में सांस लेना और एक्सरसाइज, रनिंग के लिए जिला स्कूल मैदान ही है। लाखों की आबादी सुबह-शाम टहलने से लेकर हल्के-फुल्के एक्सरसाइज के लिए यहां पहुंचती है। जो लोग जिम नहीं जा सकते, उनके लिए वार्मअप से लेकर तमाम फ्री हैंड एक्सरसाइज के लिए खुला मैदान ही बेहतर माना जाता है। इसी मकसद से खुले स्थान में इन इक्विपमेंट्स को लगाया गया था।

शहरवासी सुबह-शाम टहलने से लेकर हल्के एक्सरसाइज के लिए यहां पहुंचते हैं, पर कल-पुर्जे उखड़े होने से लौट जाते हैं

शहीद खुदीराम बोस फुटबॉल मैदान

डेढ़ वर्ष पहले शहीद खुदीराम बोस फुटबॉल मैदान में ओपन जिम को फिट किया गया था। इनकी तरफ न तो कला, संस्कृति विभाग और न ही नगर निगम ने ध्यान दिया। मंच के बगल में लगी मशीनों में साइकल विद आर्म्ड पैडल का एक छोर गायब है। वहीं, चेस्ट प्रेस से लेकर सीटेट पुलर भी काम नहीं कर रहा है।

जिला स्कूल कैंपस

जिला स्कूल में सबसे पहले पूर्वी छोर पर इन मशीनों को लगाया गया। लेकिन, इंस्टॉल होने के तीन दिन बाद ही मशीनें वहां से उखड़ने लगीं। इसके बाद इसे मेन बिल्डिंग के सामने इंस्टॉल कराया गया। यहां से भी मशीनें टूटती गई और उखड़ती चली गईं। चोरी हो जाने के डर से दो सेट मशीन पिछले एक वर्ष से अलग रखा हुआ है। एक सेट स्कूल की प्लस टू बिल्डिंग में तो दूसरा आवासीय परिसर में यूं ही जमीन पर पड़ा है। यहां सीटेट रो, हैंड रोटेटर, क्लाइंबर, लेग प्रेस, एब ट्रेनर की स्थिति काफी खराब है।

मशीन इंस्टॉल करने पहुंचे मैकेनिक को स्कूल की ओर से रिंच दिया गया वे उसे लेकर चले गए। इक्विपमेंट्स ठीक से नहीं इंस्टॉल हैं। कोई भी बाहरी व्यक्ति आकर इसे तोड़ देता है। प्रार्थना के समय भी लोग आकर एक्सरसाइज करते हैं इससे परेशानी हो रही है। विभाग को चाहिए कि इसे मैदान में इंस्टॉल कराए ताकि स्कूल बाधित नहीं हो। -जीबू झा, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय जिला स्कूल

ओपन जिम की मशीनें जहां इंस्टॉल हुई हैं वहां उनका मेंटेनेंस नहीं हो रहा है। अगर इंस्टॉलेशन में कहीं मेंटेनेंस का जिक्र होगा तो जिला प्रशासन को अनुरोध कर इसे ठीक कराया जाएगा। -मिथिलेश कुमार, डीएसओ, मुजफ्फरपुर

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