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स्नातक की पढ़ाई महंगी:3 वर्षीय कोर्स के मुकाबले 4 वर्षीय स्नातक में लगेगी दोगुनी फीस

चार वर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन तीन वर्षीय स्नातक कोर्स की तुलना में दो गुणा से अधिक तक महंगा होगा। पहले तीन वर्षीय स्नातक में करीब 9 – 10 हजार (संकायवार और कॉलेजवार अलग) कोर्स फीस के रूप में स्टूडेंट्स भुगतान करते थे। अब तक कॉलेज फर्स्ट ईयर में नामांकन शुल्क के रूप में आर्ट्स और कॉमर्स संकाय में 3000 और साइंस संकाय के लिए 3200 रुपए लेते रहे हैं। साथ ही स्टूडेंट्स से रजिस्ट्रेशन शुल्क 200 रुपए और माइग्रेशन शुल्क 150 रुपए लिया जाता रहा है। नई व्यवस्था में कोर्स फीस बढ़कर 16290 रुपए हो जाएगी।

साथ ही हर सेमेस्टर में स्टूडेंट्स को लैब फीस के रूप में 600 रुपए अलग से देने होंगे। यह विषय साइंस, भूगोल, मनोविज्ञान, होम साइंस और म्यूजिक होगा। पहले रजिस्ट्रेशन शुल्क 200 रुपए लगता था तो अब इसे विवि रजिस्ट्रेशन के नाम पर 600 रुपए कर दिया गया है। इतना ही नहीं हर सेमेस्टर की परीक्षा में स्टूडेंट्स को प्रति सेमेस्टर 600 रुपए देने होंगे। यानी परीक्षा मद में ही स्टूडेंट्स को 8 सेमेस्टर में करीब 4800 रुपए देना होगा। यानि रजिस्ट्रेशन और परीक्षा शुल्क मिलाकर करीब 5400 रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। छात्र नेता महिपाल ओझा ने बताया कि चार वर्षीय स्नातक लागू होने से स्टूडेंट्स को ढ़ाई से तीन गुणा तक अतिरिक्त फीस देना होगा। इसके लिए एआईएसएफ की ओर से आंदोलन होगा।

चार वर्षीय स्नातक कोर्स में विविध फीस का ऐसा होगा प्रारूप

पहला भाग

नामांकन, ट्यूशन फीस और कल्चरल तरंग : पहले सेमेस्टर में 975 रुपए, दूसरे सेमेस्टर से आठवें तक 875 रुपए। (पहले सेमेस्टर में नामांकन शुल्क 350 बाकी में 250, ट्यूशन फीस सभी सेमेस्टर में 600 और कल्चरल तरंग फीस सभी सेमेस्टर में 25 रुपए)

दूसरा भाग

विविध शुल्क सभी सेमेस्टर वाइज

  • लाइब्रेरी शुल्क – 200 रुपए प्रति सेमेस्टर – 1600 रुपए
  • इलेक्ट्रिसिटी फीस – 200 रुपए प्रति सेमेस्टर – 1600 रुपए
  • आइडेंटिटी कार्ड – 100 रुपए केवल पहले सेमेस्टर में
  • एनएसएस फीस – 50 रुपए प्रति सेमेस्टर – 400 रुपए
  • बिल्डिंग मेंटेनेंस फंड – 100 रुपए प्रति सेमेस्टर – 800 रुपए
  • मेडिकल फीस – 100 रुपए प्रति सेमेस्टर – 800 रुपए
  • एथलेटिक्स फंड – 100 रुपए प्रति सेमेस्टर – 800 रुपए
  • कॉमन रूम फंड – 50 रुपए प्रति सेमेस्टर – 400 रुपए
  • को – करिकुलर फी – 50 रुपए प्रति सेमेस्टर – 400 रुपए
  • पर्यावरण बचाव फीस – 50 रुपए प्रति सेमेस्टर – 400 रुपए
  • स्टूडेंट वेलफेयर फीस – 30 रुपए प्रति सेमेस्टर – 240 रुपए
  • स्टूडेंट यूनियन फीस – 100 रुपए प्रति सेमेस्टर – 800 रुपए
  • सोसाइटी सब्सक्रिप्शन – 50 रुपए प्रति सेमेस्टर – 400 रुपए
  • मैगजीन फंड – 50 रुपए प्रति सेमेस्टर – 400 रुपए
  • हैंडबुक डायरेक्टरी – 50 रुपए केवल फर्स्ट सेमेस्टर में

स्टूडेंट्स को मिलेगा पांच कॉलेज चुनने का विकल्प

स्टूडेंट्स को 6 कॉलेज चुनने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए उसे 600 रुपए शुल्क देना होगा। यूएमआईएस इंचार्ज प्रो. टीके डे ने बताया कि स्टूडेंट्स ऑनर्स के लिए केवल एक ही विषय का चुनाव कर पाएंगे। वहीं जनरल विषय में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। पटना यूनिवर्सिटी बिहार का पहला ऐसा विवि है जहां स्नातक में सीबीसीएस लागू हुआ है, इसके पहले स्नातकोत्तर स्तर पर पहले से ही सीबीसीएस लागू है। सीबीसीएस के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्रों का प्रवेश एक सामान्य प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा।

  • पहले सेमेस्टर में कुल फीस- 2255 रुपए ( पहला भाग – 975 और विविध 1280)
  • दूसरे सेमेस्टर में कुल फीस- 2005 रुपए (पहला भाग – 875 और विविध – 1130)
  • तीसरे से आठवें सेमेस्टर तक- 2005 रुपए (पहला भाग – 875 और विविध – 1130)

स्नातक में दाखिले के लिए आज से खुलेगा पोर्टल

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन के लिए शनिवार से पोर्टल खुलेगा। स्टूडेंट्स विवि के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे। वीसी प्रो. शैलेंद्र चतुर्वेदी ने सेमेस्टर सिस्टम से होने वाले नामांकन प्रक्रिया के लिए पोर्टल खोलने की अनुमति दे दी है। सत्र 203 – 27 के तहत 1.50 लाख से अधिक सीटों पर होने वाले नामांकन के लिए स्टूडेंट्स को अब 115 से अधिक कॉलेजों का विकल्प मिलेगा। वीसी ने बताया कि राजभवन की ओर से निर्धारित गाइडलाइन का पालन बीआरएबीयू में होगा। चार वर्षीय स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए छात्र 20 मई से लेकर 30 जून तक पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  • दूसरे विषयों से इंटर उत्तीर्ण करने वाले स्टूडेंट्स स्नातक में ऑनर्स के रूप में दूसरे विषय का कर सकेंगे चयन।
  • मुख्य विषयों के साथ अतिरिक्त विषय चुनने का होगा विकल्प।
  • 5 कॉलेज का विकल्प मिलेगा।
  • आर्ट्स के स्टूडेंट्स कॉमर्स का कर सकेंगे चयन, विषय की बैरिकेडिंग समाप्त।
  • ऑनर्स के लिए 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता समाप्त।
  • अब 33 फीसदी अंक पर भी ले सकेंगे ऑनर्स पेपर।

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