मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का प्रकोप बढ़ने लगा है। बीते दिनों में दो बच्चों में AES की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही जिले में कुल 23 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है। इसमे 16 मुजफ्फरपुर ज़िले के हैं। जबकि 7 बच्चे अन्य जिले के हैं। इसके साथ ही पीलिया,डायरिया,जुकाम खांसी से भी बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है।

अस्पताल में इलाजरत बच्चे।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि बढ़ते गर्मी को देखते हुए टीम को पूरी तरह से एक्टिव कर दिया गया है। ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी टीम को एक्टिव कर दिया गया है। आशा के द्वारा प्रतिदिन विजिट किया जा रहा है। कहीं भी कोई बच्चा चमकी बुखार से पीड़ित दिखाई देता है, तो त्वरित रूप से नजदीकी सेन्टर में भेजने का आदेश दिया जा चुका है। दो नए मामला और आए हैं। इसके बाद कुल बच्चों की संख्या 23 हो गई है। इसमे 16 बच्चें मुजफ्फरपुर ज़िले के हैं, एक बच्चा पूर्वी चंपारण, तीन बच्चे सीतामढ़ी, एक शिवहर, दो पश्चिम चंपारण के हैं।
बच्चों का रखे ख्याल
चिकित्सकों के मुताबिक, छोटे बच्चे हर चीज नहीं मांग सकते। ऐसे में बड़ों को ही उनका ख्याल रखना होता है। गर्मी में उन्हें उबालकर पानी दें। इससे वह डायरिया से बचेंगे। इसके साथ ही यदि डायरिया या दस्त की शिकायत है, तो ओआरएस दिया जा सकता है। अधिक से अधिक पानी पिलाते रहें। घर में साफ सफाई भी बेहद जरूरी है। इन दिनों में मच्छर भी पनप जाते हैं। ऐसे में बच्चों का बचाव जरूरी है।
डॉक्टर के संपर्क में रहे
यदि कोई भी दिक्कत हो, तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। कुछ लोग डाक्टर को दिखाने में लापरवाही बरतते हैं। तब तक काफी देर हो जाती है।बाल रोग विशेषज्ञ डा. M N कमाल का कहना है कि गर्मी की वजह से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अधिकतर बच्चों में बुखार, डायरिया और पीलिया की बीमारी मिल रही है।
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