बिहार में शराबबंदी कानून को लागू करने का जिम्मा पुलिस को दिया गया है। लेकिन पुलिसकर्मी ही शराब के कारोबार में संलिप्त है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर के कांटी थाना क्षेत्र का है। यहां DIU के एक सिपाही सहित पांच लोगो को शराब कारोबार में गिरफ्तार कर जेल भेज गया है। वहीं, सीतामढ़ी में पोस्टेड दो दरोगा के खिलाफ शराब कारोबार में संलिप्तता को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
दरअसल, ये पूरा मामला 8 मई (सोमवार) की शाम की है। लेकिन, पुलिसकर्मियों के शामिल होने की वजह से इसका खुलासा नहीं हुआ था। बुधवार की रात मुजफ्फरपुर के कांटी थाना प्रभारी संजय कुमार ने पूरे मामले को मीडिया के सामने लाया।
8 मई को जब्त हुई थी गाड़ी
8 मई को कांटी थाने की पुलिस ने दरभंगा मोड़ के पास से एक ट्रैवलर गाड़ी को जब्त किया था। गाड़ी से 173 कार्टून विदेशी शराब जब्त किया गया। साथ ही मौके से पांच कारोबारियों को भी गिरफ्तार किया गया। इसमें से एक बिहार पुलिस का सिपाही भी है। वो सीतामढ़ी के DIU में पोस्टेड है। उसका नाम अनिमेष पटेल है। साथ ही दो दरोगा के खिलाफ भी नामजद प्रथमिकी दर्ज की गई है। दोनों का नाम राम परवेश उरांव और जितेंद्र सुमन है।
कांटी थाना प्रभारी को कॉल आया था
कांटी थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि सोमवार की शाम में सीतामढ़ी ज़िले के दरोगा जितेंद्र सुमन ने फोन किया। उन्होंने बोला कि सर एक बस दरभंगा मोड़ पर है। उसको असमाजिक तत्वों की ओर से रोका गया है। उसको फोर्स भेज कर छोडवा दीजिए। इसके बाद मैंने पुलिस बल को मौके पर भेजा। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि बस में 173 कार्टून विदेशी शराब है। इसके बाद मौके से पांच लोगो को गिरफ्तार किया गया। इसमें एक सीतामढ़ी का DIU का सिपाही था।
शराब तस्कर के साथ थे दोनों दरोगा
अनुसंधान में खुलासा हुआ कि शराब की पूरी खेप सीतामढ़ी जिले के नानपुर के अनिल महतो का है। वह कुख्यात शराब तस्कर है। उसका सहयोगी सिकंदर गिरफ्तार हुआ है। अनिल महतो की मां जेल में बंद है। इसमें दो दरोगा राम प्रवेश उरांव और जितेंद्र सुमन ने शराब तस्कर को गाड़ी पर बैठा कर दरभंगा मोड़ तक लाया। वहां से मौके का फायदा उठा कर फरार हो गया। दोनों के खिलाफ भी प्रथमिकी दर्ज की गई है
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